Tuesday, July 20, 2010

राष्ट्रमण्डल खेलों में विज्ञापनों/होर्डिंग्स/सरकारी प्रपत्रों में हिंदी

राजभाषा समर्थन समिति की अपील
(भारत में हिन्दी प्रयोग लागू कराने हेतु एकजुट लोगों की संस्था)



विषय: ‘‘राष्ट्रमण्डल खेलों में विज्ञापनों/होर्डिंग्स/सरकारी प्रपत्रों तथा आयोजक संस्थाओं द्वारा अनिवार्यतः हिन्दी प्रयोग किए जाने के संबंध में।

हम सब जानते हैं कि हिन्दी भारत की राजभाषा है और राष्ट्रमण्डल खेलों के आयोजन स्थल के आस-पास प्रमुखता से बोली जाने वाली भाषा है। अतः हमारी समिति मांग करती है कि ‘‘राष्ट्रमण्डल खेलों में हिन्दी भाषा का प्रयोग विज्ञापनों/होर्डिंग्स/सरकारी प्रपत्रों तथा आयोजक संस्थाओं द्वारा अनिवार्यतः किया जाए, जिससे देश की गरिमा का आभास दुनियाँ को हो।’’ अपने देश में ज्ञान-विज्ञान की भाषा बनाने के साथ ही हर क्षेत्र में हिन्दी के आने से हम अपने विकास की प्रक्रिया को कई गुना आगे बढ़ा सकते हैं और हिन्दी प्रयोग भारत को उसकी अस्मिता से जोड़ता है।

उल्लेखनीय है कि न्यूयार्क में संपन्न आठवें अन्तरराष्ट्रीय विश्व हिन्दी सम्मेलन में हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ करने तथा संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनाने का अभियान प्रमुखता से लिया गया था । यह अवसर है कि हम उस विशिष्ट अवसर पर लिए गए संकल्प को लागू कराएँ।

हमें याद रखना होगा कि हिन्दी का प्रयोग तथा उसके विकास के लिए हिन्दी भाषी लोगों के साथ-साथ कई अहिन्दी भाषी लोगों ने भी कार्य किया है जिनके कारण आज हिन्दी राष्ट्रभाषा ही नहीं अपितु अन्तरराष्ट्रीय भाषा भी है। हिन्दी भारत की राजभाषा है, अतः हमारा मानना है कि:-

1. जब चीन में ओलंपिक खेलों के दौरान चीनी भाषा का प्रयोग हो सकता है तो भारत में आयोजित खेलों की नियमावली और होर्डिंग्स, सूचनाओं का आदान-प्रदान, प्रसारण तथा सरकारी एवं आयोजक संस्थाओं के प्रपत्रों का लेखन हिन्दी में क्यों नहीं हो सकता।

2. आयोजन में आने वाले गैर हिन्दी भाषी खिलाड़ियों और प्रतिनिधियों को अनुवादक उपलब्ध कराए जा सकते हैं। जैसा कि प्रायः हर अन्तरराष्ट्रीय आयोजन में अन्य भाषा-भाषी लोग करते हैं।

3. राष्ट्रमण्डल खेलों में हिन्दी के प्रयोग द्वारा हम भारत की छवि को पूरी दुनियाँ के सामने मजबूती के साथ स्थापित कर सकते हैं।

4. यदि हम राष्ट्रमण्डल खेलों में हिंदी प्रयोग करते हैं तो अनुवादकों की आवश्यकता पड़ेगी। इससे अनुवादकों को रोजगार प्राप्त होगा।

5. राष्ट्रमण्डल खेल हिन्दी भाषा के लिए बड़ी संभावनाओं को खोल सकते हैं, अगर हम हिंदी का इन खेलों के दौरान अधिक से अधिक प्रयोग करेंगे। इससे विदेशी लोगांे का भी हिन्दी के प्रति आकर्षण बढ़ेगा तथा इससे हिंदी के शिक्षण, पठन-पाठन की विदेशों में भी संभावनाएं बढ़ंेगी।

6. अनुच्छेद 344 के अनुसार राष्ट्रपति हिंदी भाषा की बेहतरी के लिए भाषा आयोग का गठन करेंगे। राष्ट्रमण्डल खेल भारत में हो रहे हैं, परन्तु हिन्दी भाषा को संवर्धित करने के लिए संविधान में दी गई भाषा संबंधी व्यवस्था का पालन नहीं हो रहा है, ऐसे में जरूरी है कि जन जागृति द्वारा प्रबुद्ध नागरिक राष्ट्रमण्डल खेलों में हिन्दी के प्रयोग को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करें।

7. राष्ट्रमण्डल खेलों में हिन्दी के प्रयोग द्वारा हम उस रूढ़ मानसिकता पर भी चोट कर सकते हैं जो अंग्रेजी के प्रयोग द्वारा निज विशिष्टता सिद्ध करती रही है, यह हिंदी के भूगोल और मानसिकता को परिवर्तित करने का अवसर भी है।

आशा है आप राजभाषा प्रयोग के इस क्रान्तिकारी अभियान को परिणाम तक पहुँचाने के लिए निर्णायक पहल करेंगे। राजभाषा समर्थन समिति आपका इस अभियान में मार्गदर्शन और सहयोग चाहती है। कृपया अपने स्तर से इस आयोजन से जुड़े हुए सरकारी विभागों एवं संस्थाओं से भी आग्रह करने की कृपा करें और इसे जन अभियान बनाकर मीडिया के माध्यम से भी लोगों तक पहुँचाने का प्रयास करें।

द्वारा प्रो0 नवीन चन्द्र लोहनी एवं समस्त साथी, राजभाषा समर्थन समिति,
हिन्दी विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ (उ0 प्र0) मो.नं. 09412207200/09412885983/9758917725/9258040773/9897256278

1 comment:

  1. HINDI KO VISHWA PATAL PAR BADNA HI HAI. AB KOYI HINDI KO VISHWA BHASHA BANANE SE KOYEE NAHIN ROK SAKTA. RASHTRA MANDAL KHELON MAIN HINDI KA PRAYOG SAMUCHIT ROOP SE HO AISI HAMAARI PURJOR MANG HAI AUR SABSE APEAL HAI KI IS ABHIYAN MAIN BAR CHADKAR HISSA LEN.
    DR VISHNU KUMAR AGRAWAL, MORENA MP

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